sanjana porwal

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लेखनी कहानी -23-Feb-2024

 विषय- मेरे दिल का दरवाजा

एक बार मैंने खोला था मेरे दिल का दरवाजा।
उसमें रहने आया था एक लड़का न्यारा।
सूरत से था वह था बहुत ही प्यारा।
थोड़े दिन वो रहा दिल में बनकर सयाना।
फिर वह अचानक चला गया, उसने जरूरी नहीं समझा कारण भी बताना।
मैंने उसका बहुत इंतजार किया पर वह लौट कर ना आया।
उसके बाद मैंने खुद से किया वादा ।
अब किसी के लिए नहीं खुलेगा यह दरवाजा।
अब हमेशा बंद रहेगा मेरे दिल का दरवाजा। 
हिम्मत जुटाकर मैंने उस पर लगाया ताला।
तब से आज तक बंद है मेरे दिल का दरवाजा।
उसके बाद मैंने किसी से दिल न लगाया।

प्रतियोगिता के लिए

संजना पोरवाल
 

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4 Comments

Gunjan Kamal

04-Apr-2024 01:50 AM

👏🏻👌🏻

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Mohammed urooj khan

24-Feb-2024 12:41 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Varsha_Upadhyay

24-Feb-2024 12:35 PM

Nice

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